शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

माँ के लिए

जाने किस किस से दिल टूटा
किस किस से प्रतिदिन मोहभंग 
बस तेरी कमी अखरती है

तू होती तो सब कुछ तुझसे 
कहकर जी हल्का कर लेता 
छुपकरके  तेरे आँचल में 
कुछ पल सुकून के जी लेता

अपने कोमल स्पर्शों से 
जो छोट गया आ फिर दे दे 
इच्छा है फिर तू जने मुझे 
मेरे खालीपन को भर दे 
माँ आ मुझको मानी दे दे.....
                                    -कृष्णकान्त 

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