रात भर की
अपार पीड़ा और
आंसुओं के सैलाब के बाद
अब सुबह
महसूस रहा हूँ
अपने मानव को
मुझे मुझसे मिलाती है
मेरे भीतर की टीस
बहुत प्रिय हैं मुझे
मेरे आंसू
एक तरफ करोड़ों की संख्या में नौकरियां चली गई हैं और बेरोजगारी 45 साल के चरम पर है. दूसरी तरफ, सरकार की तरफ से किसानों और मजदूरों पर एक साथ ...