गुरुवार, 6 जनवरी 2011

१. कानून 

वे जो भूखे हैं
रटते हैं रोटी रोटी 
मारो उन्हें 
वरना आयेंगे हमारे शहर 
गन्दा करेंगे 
हमारे बंगलों में हिस्सा मांगेंगे 
हमारे पकवानों पे दंती रहेगी 
इनकी घाघ निगाह 
पेट के लिए चोरी करते हैं 
ये उचक्के 
कर करके आत्महत्याएं 
करवाते हैं बदनामी 

और वे जो लड़ते हैं इनके लिए 
मचाते हैं इनकी मौत पर हल्ला 
मनाते हैं मातम 
मारो उन्हें भी 
भरमाते हैं ये 
भोले भाले नागरिकों को 
उकसाते हैं उन्हें 
लड़ने को, अपना हक़ लेने को 
खतरा खड़ा कर सकते हैं ये 
देश के लिए 
इनकी पहचान करो 
ले जाओ आँख पर पट्टी वाली 
देवी के दरबार में 
दिलवा दो फांसी...

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