मंगलवार, 11 जनवरी 2011

मेरा होना उन्हें नहीं भाया
नहीं होना मुझे नहीं आया 
डूब कर मरने की तमन्ना थी
कोई कतरा मगर नहीं पाया 
मैंने इन्सान होना चाहा तो 
जीना मरना मुझे नहीं आया 
तेरी दुनिया है बहुत दूर की बात 
साथ रहता नहीं मेरा साया 
मेरे दिल में तू कहाँ रहता है 
मैनें ढूँढा बहुत, नहीं पाया 
मेरा महबूब इस जहाँ का नहीं 
तो खुदा मुझको यहाँ क्यों लाया 

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